शिवाजी विद्यापीठ पी जी कॉलेज के बारे में

शिवाजी विद्यापीठ पी जी कॉलेज

मेरी अभिलाषा थी कि एक महाविद्यालय मेरे द्वारा स्थापित किया जाय। देवों के देव महादेव भोले बाबा की प्रेरणा से एवं आदरणीय माता श्रीमती रमेशा वर्मा व स्मृतिशेष पिता श्री श्याम किशोर वर्मा व पितामह स्मृतिशेष श्री हरीनरायन वर्मा व पितामही स्मृतिशेष श्रीमती राजकुमारी वर्मा की प्रेरणा से शिवाजी विद्यापीठ स्नातकोत्तर महाविद्यालय लहरपुर सीतापुर का भूमिपूजन व शिलान्यास माननीय जिलाधिकारी श्री बी.डी. सिंह आई.ए.एस. तथा संस्थापक प्रबन्धक श्री इन्द्रेश वर्मा पुत्र स्मृतिशेष श्री श्याम किशोर वर्मा ग्राम व पोस्ट महादेव अटरा जनपद-सीतापुर के करकमलो द्वारा मा0 उपजिलाधिकारी श्री चन्द्र भूषण त्रिपाठी के साक्ष्य में एवं विद्द्ववर आचार्य श्री गरूड़ध्वज बाजपेयी के आचार्यत्व में दिनांक 30 जुलाई 2001 में तदानुसार श्रावण शुक्ल पक्ष दशमी सम्वत् 2058 दिन सोमवार को सुसम्पन्न किया गया। जो कि केसरीगंज से भदफर रोड तथा केसरीगंज से जंगलीनाथ रोड के मध्य में एक ऐतिहासिक भूमि पर स्थित है। महाविद्यालय का नामकरण भगवान शिव तथा उनकी अर्धांगिनी माता शिवा तथा छत्रपति शिवाजी के नामों के अर्थो को मिलाते हुये किया गया है इस प्रकार अध्यात्मिकता तथा ऐतिहासिकता का एक अनूठा संगम बनाने का प्रयास किया गया हैं। आपके इस महाविद्यालय को वर्ष 2004-2005 में कला संकाय तथा 2008-2009 में विज्ञान संकाय तथा 2014-2015 में बी॰काम॰ तथा एम॰ए॰ की मान्यता छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से प्राप्त हुई है। आगे चल कर अन्य संकायों को सम्मिलित एवं संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है।एन॰टी॰टी॰ संकाय की मान्यता 2013-2014 से चल रही है।

महाविद्यालय में सहशिक्षा की व्यवस्था है महाविद्यालय स्तर पर हर सम्भव यह प्रयास किया गया है। कि छात्र व छात्राएं पूरी लगन के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। बालिकाओं के लिये भयमुक्त सुरक्षित एवं प्रेरणात्मक वातावरण प्रदान करने के लिये महाविद्यालय का प्रबन्ध तंत्र दृढ़ संकल्पित है। महाविद्यालय में पुस्तकालय एवं वाचनालय की भी उचित व्यवस्था है जिससे विद्यार्थियों को प्रमाणिक सन्दर्भ साहित्य उपलब्ध होने के साथ-साथ पठन पाठन में उनकी अभिरूचि में वृद्धि हो सके ऐसी भी पुस्तको की उपलब्धता है। महाविद्यालय में शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम वाद-विवाद, लेखन, सम्भाषण प्रतियोगिता आदि शैक्षिक गतिविधियों को भी सम्मिलित किया गया है। जिससे विद्यार्थियों के नैतिक, चारित्रिक एव शारीरिक विकास के साथ-साथ उनमें देशभक्ति व सामाजिक उत्तरादायित्व की भावना विकसित होती है। महाविद्यालय पूर्णतया लोक कल्याणकारी उद्देश्यों को लेकर संचालित किया जा रहा है। अतः इसकी शुल्क संरचना को स्थानीय स्थिति को देखते हुए अत्यन्त सरल व आसान बनाया है जिससे हर आर्थिक संवर्ग के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर सके । शुल्क की राशि अन्य महाविद्यालयों की अपेक्षा बहुत ही कम रखी गयी है। शुल्क की देयता को और आसान बनाने के लिये शुल्क को तीन किस्तों में देय बनाया गया है। महाविद्यालय में अध्ययनरत् अनु0 जाति पिछड़े, अनु0 जनजाति व अल्पसंख्यक वर्ग निर्धन छात्रों एवं छात्राओं के लिये छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति व्यवस्था है। कोई भी व्यवस्था चाहे कितनी भी अच्छी क्यों न हो जब तक जनमानस का सहयोग व सहायता नहीं मिलती तब तक संस्था अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर सकती।

इस प्रकार महाविद्यालय द्वारा सुलभ व सार्वभौमिक शिक्षा सभी को प्रदान करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है। इस लिये हम चाहते हैं कि महाविद्यालय के विकास व प्रगति से जुड़े सार्थक सहयोग व सुझाव आप हमें प्रदान करते रहें जिनका हम अनुपालन करते हुये महाविद्यालय को प्रगति के रास्ते पर बढ़ाने में सफल हों ।

 
   
 

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